इस क्षेत्र की मुख्य भाषा मेवाड़ी है, जो हिन्दी का ही एक विकृत रुप है। राज्य के दक्षिण तथा पश्चिमी हिस्सों के लोगों तथा भीलों की भाषा वागड़ी है, जो गुजराती से मिलता-जुलता है। राज्य के पूर्वी हिस्से में (खैराड़ की तरफ) में बोली जाती है, जो मेवाड़ी, ढूँढाड़ी तथा हाड़ौती का ही मिश्रण है। |
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